Russia-Ukraine War के बीच ये कांड हो गया, आपको पता चला? Putin | NATO | Zelenskyy | Duniyadari E1107

[संगीत] ब्रॉट टू यू बाय कैड डस्टिंग पाउडर कैड डस्टिंग पाउडर रेडनेस इरिटेशन स्वेट रश और फंगल इंफेक्शन जैसे चार स्किन प्रॉब्लम्स का एक एक्सपर्ट सलूशन अब रहो अनस्टॉपेबल कैंडिड डस्टिंग पाउडर के साथ आज के शो में देखिए यूक्रेन में राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा अब आगे क्या होगा कि अमेरिका इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर प्रतिबंध लगा देगा और ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अंतिम संस्कार में क्या हुआ नमस्कार मैं मेरा नाम दिव्यांशी सुराव है आप देखना शुरू कर चुके हैं ललन टॉप का अंतरराष्ट्रीय प्रसंगों से जुड़ा रोजाना का कार्यक्रम दुनियादारी यूरोप महाद्वीप के पूर्व में बसा यूक्रेन पिछले 27 महीनों से वैश्विक राजनीति के केंद्र में है 24 फरवरी 2022 की सुबह रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू की थी हमले को स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का नाम दिया गया था वो यूक्रेन की सैन्य क्षमता खत्म करना और वहां अपनी पसंद की सरकार बिठाना चाहता था इस जंग को 27 महीने पूरे होने वाले हैं लेकिन रूस अभी तक अपना मकसद पूरा नहीं कर कर पाया है कई मोर्चों पर भीषण लड़ाई जारी है हाल फिलहाल में निर्णायक नतीजे की ओर कोई उम्मीद नजर नहीं आती इस उठापटक के बीच यूक्रेन को एक बड़े सवाल से जूझना पड़ रहा है जंग से निपटना जरूरी है या लोकतंत्र दरअसल 20 मई 2024 को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोद मिर जेलेंस्की का कार्यकाल पूरा हो गया वो 20 मई 2019 को कुर्सी पर बैठे थे उनका कार्यकाल 5 वरस का था कायदे से मार्च 2024 में राष्ट्रपति चुनाव कराया जाना था और 20 मई 2024 तक चुनाव जीतने वाले को राष्ट्रपति की शपथ दिलाई जा आने वाली थी तारीखें बीत गई मगर ना तो चुनाव हुआ ना कुर्सी सौंपी गई लेकिन चुनाव क्यों नहीं हुआ इसकी तीन बड़ी वजह हैं नंबर एक मार्शल लॉ जंग शुरू होने के तुरंत बाद यूक्रेन सरकार ने देश में मार्शल लॉ लगा दिया था इस अवधि में देश में किसी भी तरह के चुनाव पर प्रतिबंध है बिना चुनाव के नया राष्ट्रपति नहीं आ सकता और जब तक नया राष्ट्रपति कुर्सी पर नहीं आता तब तक पुराने की शक्तियां बरकरार रहती हैं नंबर दो सुरक्षा की कमी यूक्रेन की आबादी का एक बड़ा हिस्सा जंग के चलते स्थापित है पूर्वी यूक्रेन के चार प्रांतों पर रूस ने कब्जा कर रखा है कई इलाकों में लड़ाई के चलते चुनाव कराना मुश्किल है अगर अभी वाली स्थिति में चुनाव होता है तो सभी नागरिक इसमें हिस्सा नहीं ले पाएंगे अगर सभी नागरिक चुनाव में शामिल नहीं हुए तो नतीजे की वैधता पर सवाल खड़ा हो सकता है नंबर तीन विकल्प की कमी वलादर जेलेंस्की राजनीति में आने से पहले कॉमेडियन थे एक्टिंग किया करते थे 2019 के चुनाव में सबको चौका कर वो राष्ट्रपति बने उस वक्त उनको हल्के में लिया गया कहा गया जैसे-जैसे उनके सामने गंभीर चुनौतियां आएंगी उनके लिए फैसला करना मुश्किल होगा फिर उनकी लोकप्रियता का ग्राफ गिरेगा मगर यह आशंकाएं बाद में गलत साबित हुई इसका सबूत फरवरी 2022 में प्रत्यक्ष तौर पर दिखाई दिया जेलेंस्की ने रूस के हमले का डटकर सामना किया जब पश्चिमी देशों ने उनको बाहर निकालने का ऑफर दिया जेलेंस्की ने साफ मना कर दिया बोले मैं अपने लोगों के साथ हूं और यहीं रहूंगा तब से वह यूक्रेन को बखूबी लीड कर रहे हैं जनता उन पर भरोसा भी दिखा रही है जनवरी 2024 में यूक्रेन की थिंक टैंक राजु मकोव सेंटर ने एक सर्वे किया था इसके मुताबिक 69 फीदी लोग जले पर भरोसा करते हैं किब इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोशियोलॉजी के फरवरी 2024 के सर्वे के मुताबिक 69 फ लोग चाहते हैं कि मार्शल लॉ खत्म होने तक जेलेंस्की पद पर बने रहे सर्वे में शामिल महज 15 फीदी लोग मौजूदा स्थिति में चुनाव कराने के पक्ष में थे जबकि 10 फीस लोगों का मत था कि जेलेंस्की को राष्ट्रपति की कुर्सी संसद के स्पीकर रुसलान स्टेफन चुक को सौंप देनी चाहिए हालांकि जेलेंस्की ऐसे किसी विकल्प से इंकार कर चुके हैं उनका दावा है ना तो यूक्रेन के अंदर चुनाव की मांग उठ रही है और ना यूक्रेन के सहयोगी देश ऐसी कोई मांग कर रहे हैं चुनाव कराने का हल्ला रूस का प्रोपेगेंडा है अगर चुनाव नहीं कराया गया तो क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं इन्हें भी दो पॉइंट्स में समझते हैं पहला पश्चिमी देशों का दबाव जेलेंस्की चुनाव नहीं कराने के पीछे एक दिलचस्प तर्क देते हैं सितंबर 2023 में उन्होंने कहा था चुनाव कराने में लगभग 00 करोड़ का खर्च आएगा मैं कर्ज लेकर चुनाव नहीं कराऊंगा अगर पश्चिमी देश यूक्रेन में चुनाव होते देखना चाहते हैं तो उन्हें इसका खर्च उठाना होगा उस बयान की अमेरिका में खूब आलोचना हुई रिपब्लिकन पार्टी के नेता विवेक रामास्वामी ने कहा था यह उगाही का नया तरीका है अमेरिका को यूक्रेन की फंडिंग बंद कर देनी चाहिए उन्हें रूस के साथ बातचीत के लिए मजबूर करने की जरूरत है रिपब्लिकन पार्टी के कई और सांसद भी यूक्रेन में चुनाव कराने की मांग कर चुके हैं अमेरिका रूस के साथ जंग में यूक्रेन का सबसे बड़ा मददगार है वह ₹ लाख करोड़ से ज्यादा की मदद का ऐलान कर चुका है इस पैसे का अप्रूवल अमेरिका की संसद से मिलता है अमेरिका की संसद में दो सदन हैं ऊपरी सदन है सेनेट नचले सदन का नाम है हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स नच सदन में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है उनकी मंजूरी के बिना कोई भी मिलिट्री पैकेज संसद से अप्रूव नहीं हो सकता उन्होंने अड़ंगा लगाया भी है इसका खामियाजा यूक्रेन को भुगतना पड़ा है दूसरी बात नवंबर 20224 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है इसमें रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं प्री इलेक्शन सर्वे में वह डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइड से आगे चल रहे हैं ट्रंप यूक्रेन की फंडिंग बंद करने का इशारा कर चुके हैं तीसरी बात पश्चिमी देश खुद को लोकतंत्र का झंडा बरदार दिखाने की कोशिश करते हैं जैसे-जैसे यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव टल रहा है जेलेंस्की पर तानाशाही रवैया बरतने के आरोप लग रहे हैं अगर अगले कुछ महीनों में चुनाव नहीं कराया गया तो यूक्रेन को पश्चिमी देशों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है पॉइंट नंबर दो आंतरिक विद्रोह जेलेंस्की का टर्न 20 मई को पूरा हो गया वो मार्शल लॉ की बदौलत कुर्सी पर बने हैं इसके चलते उनकी वैधता पर सवाल खड़े होंगे आशंका है इसका असर अंदर की राजनीति पर पड़ सकता है इसकी एक झलक जनवरी 2024 में दिखी थी जब जेलेंस्की और तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल वरेली जालू जनी के बीच झगड़ा हो गया था अफवा थी कि जालू जनी राजनीति में जाना चाहते हैं कहा गया वह राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकते हैं इसने जेलेंस्की को चिंता में डाल दिया था बिना नाम लिए उन्होंने कई दफा कहा कि मिलिट्री जनर लों को पॉलिटिक्स में नहीं आना चाहिए फिर 29 जनवरी को जेलेंस्की ने जाल जनी को इस्तीफा देने के लिए कहा मगर उन्होंने मना कर दिया था आखिरकार 8 फरवरी को जेलेंस्की ने उनको बर्खास्त कर दिया बाद में जलु जनी को ब्रिटेन में यूक्रेन का राजदूत बनाकर भेजा गया फिलहाल के लिए उन्होंने राजनीति में आने का इरादा छोड़ दिया है मगर बाकियों के बारे में यही बात दावे से नहीं कही जा सकती इस विषय को और विस्तार से समझने के लिए हमने मनोहर परकर इंस्टिट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में एसोसिएट फैलो डॉक्ट स्वस्ती राव से बात की हमने उनसे पूछा यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव के पक्ष और विपक्ष में अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं एक धड़ा कहता है अभी चुनाव हुए तो लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पाएगी दूसरा धड़ा कहता है अगर चुनाव नहीं हुए तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान होगा इसके जल्दे पश्चिमी देशों की फंडिंग भी बंद हो सकती है ऐसे में जेलेंस्की के पास क्या रास्ता है क्या वो चुनाव कराने की स्थिति में है देखिए यूक्रेन में जो आप बता रहे हैं कि जेलेंस्की का जो टर्म है वो 28 में यानी 20 मई अभी से दो दिन पहले टेक्निकली स्पीकिंग खत्म हो गया है और अब क्या वहां पे चुनाव होंगे यह सवाल है देखिए यूक्रेन में चुनाव इसलिए नहीं हो सकते क्योंकि यूक्रेन के कॉन्स्टिट्यूशन के अनुसार वहां पर मार्शल लॉ लगा हुआ है मार्शल लॉ क्यों लगा हुआ है जाहिर सी बात है क्योंकि रशिया के साथ उनका युद्ध चल रहा है और जब तक युद्ध चलता रहेगा तब तक मार्शल लॉ लगा रहेगा तो ये जो मार्शल लॉ है ये कॉन्स्टिट्यूशन है ये एक्स्ट्रा कॉन्स्टिट्यूशन नहीं है और इस लिहाज से जेलेंस्की यूक्रेन के राष्ट्रपति बने रहेंगे अगर आपने गौर किया हो जो यूक्रेन के एक बहुत बड़े अपोजिशन लीडर हैं जिनका नाम पेट्रो पोरोशेंको है जो 2019 में जब 2019 में जेलेंस्की जब जीते थे चुनाव प्रेसिडेंशियल इलेक्शन जीते थे यूक्रेन में तो सबसे बड़े अपोजिशन जो उनका जो कंटेंट वो थे वो वही थे पेत्र पोरोशेंको और ये पहले भी यूक्रेन उनके राष्ट्रपति रह चुके हैं और अगर आपने बिल्कुल उनके भी जो बयान सुने हैं उन्होंने भी साफ इस बात को कहा है कि इस समय तो यह संभव ही नहीं है कि इलेक्शन जैसी चीज यूक्रेन में करी जाए और मार्शल लॉ तो एक इसका कांस्टीट्यूशनल प्रावधान हो गया उसके अलावा प्रैक्टिकली स्पीकिंग भी ये बिल्कुल संभव नहीं है क्योंकि देखिए मैं आपको टेक्निकली बताने की कोशिश करती हूं अगर आपको मालूम है कि युद्ध कहां चल रहा है पिछले साल रशिया ने यूक्रेन के चार रीजंस को रशियन टेरिटरी घोषित कर दिया था और ये चार रीजंस है उसमें से एक तो डॉन बस में जो दो रीजन है डोनिक और लुगांस्क वो है उसके अलावा रसन है जिसको रसन भी कुछ लोग बोलते हैं और उस और जपोरिजिया तो ये चार रीजंस है अब इन रीजंस में एक केवल लुगांस्क ही ऐसा रीजन है जो कंप्लीट रशा के कंट्रोल में है उसके अलावा चाहे डोनिस हो डोनिक ही वो रीजन है जहां इस वक्त लड़ाई चल रही है जहां पे आप ये नाम सुनते होंगे बाख मूट और अदीप का और यार चासी ये वो रीजन है तो ये पूरी तरह रशा के कंट्रोल में नहीं है पहली चीज रसन का जो रीजन है उसमें रसन सिटी रश के कंट्रोल में नहीं है जपोरिजिया जो है उसमें पूरा का पूरा जपोरिजिया रश के कंट्रोल में नहीं है लेकिन रश ने इनको रशियन टेरिटरी घोषित कर दिया है तो ऐसे में अगर आप चुनाव कराते हैं तो यह चुनाव होगा किस तरह से सेफ्टी सिक्योरिटी जो मतदान करने वालों के वोटर्स के सेफ्टी सिक्योरिटी तो बहुत एक छोटा सा इशू है लेकिन ये जो टेक्निकल प्रॉब्लम आएगी ये टेक्निकल प्रॉब्लम आखिर कैसे सॉल्व करी जाएगी तो यह चुनाव जिसके बारे में आप बात कर रहे हैं इसमें जेलेंस्की पूरी तरह से मैं कहूंगी कि जस्टिफाइड है इस बात को कहने में कि मार्शल लॉ भी लगा हुआ है इसलिए कांस्टीट्यूशनल कोई इशू नहीं है जो कांस्टीट्यूशनल लॉयर्स है यूक्रेन के उन्होंने भी इस बात को साफ किया है उसके अलावा जो मैंने आपको लॉजिस्टिकल परेशानियां बताई वो भी है और उसके अलावा जो एक जो जो कंसेंसस है मतलब जो लोगों के अंदर जो एक जनरल कंसेंसस है वो भी इस बात को लेकर है रूस के साथ हो रही जंग लमर जेलेंस्की के कार्यकाल का सबसे बड़ा हाईलाइट है जंग ने उनकी इमेज को पूरी तरह से बदल दिया है जेलेंस्की के कार्यकाल को किस तरह से देखा जाना चाहि उनकी लीडरशिप के बिना जंग की स्थिति क्या हो सकती है जेलेंस्की जिस मैंडेट पर मतलब जिस एजेंडा पर आए थे जिसके वजह से उनको ऐसी ओवर वेल्मिनिक मिले थे वो बेसिकली एक वेस्टर्न टिल्ट को लेकर थी मतलब ईयू को जवाइन करना और नेटो को जवाइन करना और मजे की बात है कि जो टीवी शो वो कर रहे थे उसमें भी जो उनका किरदार था वो इसी तरीके का था कि एक यूक्रेन का जो स्न ड्रीम है उसको कैसे इनेबल किया जाए तो मैं कहूंगी कि जेलेंस्की की जिंदगी में यह बड़ा प्रोफेटिक सा एक हमको लगता है जो सिचुएशन बड़ी प्रोफेटिक स सिचुएशन लगती है कि उन्होंने शायद वो शो करते समय नहीं सोचा होगा कि एक्चुअली वो राष्ट्रपति बनेंगे यूक्रेन के और राष्ट्रपति बनने के बाद सचमुच यूक्रेन को ऐसे समय में लीड करेंगे तो जहां तक वॉर की बात है देखिए इसको बहुत सारे लोग ये भी कहते हैं कि जेलेंस्की को कि वो वेस्ट के पपेट है या वाशिंगटन सी और बाइटेन के पपेट है देखिए ये बात हो सकता है हम यहां बैठ के ऐसे व्यू कर रहे हो लेकिन अगर आप यूरोप में जाएंगे अगर आप यूरोप के तमाम देशों से उनके लीडर्स से यूक्रेनियन से बात करेंगे तो ऐसा भी ऐसा मत बिल्कुल भी नहीं है इनफैक्ट जितनी भी बार हम लोग यूरोपियन डिफरेंट मतलब यूरोप में एक दो नहीं बल्कि 40 देश है अलग-अलग देशों के हम लोग रिप्रेजेंटेटिव से जब मिलते हैं बात करते हैं तो वो इस बात को कई बार रेखांकित करते हैं कि देखिए जेलेंस्की लीड कर रहे हैं इसको और हम उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं हां ये बात बात अलग है कि हम उनको वैसे सपोर्ट नहीं कर रहे हैं जैसे करना चाहिए और इसके ऊपर आप डिबेट कर सकते हैं जेलेंस्की तर्क देते हैं कि यूक्रेन में चुनाव पर जोर रूस के प्रोपेगेंडा का हिस्सा है रूस इस चुनाव का इस्तेमाल अपनी पसंद की सत्ता थोपने के लिए कर सकता है इस थिरी में कितना दम दिखता है ये एक तरीके का डिस इंफॉर्मेशन है जैसे ये जैसे अभी आपने हाल में देखा होगा कि युद्ध में बहुत सारी ऐसी बातें भी करी जाती है जिनका कोई असल में कोई टेक्निकल स्टैंडिंग नहीं होती क्योंकि अगर आप चुनाव कराना चाहते हैं तो रूस का क्या है क्या वो उन रीजंस में ही चुनाव कराना चाहता है जो रीजंस जो उन्होंने यूनिलैटरली इंडिपेंडेंट घोषित कर दिए और किसी ने भी उन उन उस चीज को माना नहीं है भारत ने तो कम से कम नहीं माना है है ना तो लेजिटीमेटली उसको कोई इंटरनेशनल कम्युनिटी तो रिकॉग्नाइज नहीं करती और उन चार रीजंस में भी मैंने आपको समझाया के अलावा लुगांस्क के चाहे वो डोनिक हो चाहे वो रसन हो चाहे वो जपोरिजिया हो इन सारे रीजंस में अभी भी यूक्रेनियन कंट्रोल है है ना इसीलिए तो डोनिक में सबसे बड़ा जो हमारा मेन बैटल फ्रंट है वो डॉनी एस्क में ही है तो अगर चुनाव कराने है तो क्या इन रीजंस में नहीं चुनाव कराने हैं तो इसको लेकर क्लेरिटी नहीं है ये जो टेक्निकल मैं कहूंगी कि एक तरीके का एक फॉग है टेक्निकल जहां पर मैं कहूंगी कि टेक्निकल डिस इंफॉर्मेशन का जो फॉग है ये एक तरीके का स्टेटमेंट है और कहीं ना कहीं ये अगर आप रशा के पॉइंट ऑफ व्यू से देखें तो जेलेंस्की के लेजिटिमेसी पर सवाल उठाने का एक बहुत अच्छा मौका है क्योंकि जाहिर है कि यूक्रेन टेक्स अ लॉट ऑफ क्राइड बीइंग अ डेमोक्रेसी तो अगर आप डेमोक्रेसी है तो फिर चुनाव कराइए ये तो बड़ी ऐसी सी बात है लेकिन ये एक स्टेटमेंट है जिसको आप एक सुपरफिशियल लेवल पे कह सकते हैं लेकिन अगर आप डिटेल में जाएंगे तो सबसे पहले प्रॉब्लम आएगी उन रीजंस की जो मैं आपसे कह रही हूं क्राइम तो बहुत बाद में आएगा सबसे पहले तो इन चार रीजंस का प्रॉब्लम आएगा तो आप ये चुनाव कैसे कराएंगे और उसके बाद जैसे र्की जो ऑ ब्लास्ट है जहां पर अभी आपने देखा कि रश ने कुछ दिनों पहले जब एक नया ऑफेंसिव लच किया तो कार्की व ब्लास में जहां वफ चांस उसके उसके जस्ट बाहर जहां प चल रही है अब वहां पे जो जो सिटीजंस है आखिर वो वोट डालने कैसे जाएंगे जबकि सारे के सारे सिटीजंस वहां से जा चुके हैं सिमिलरली आपको मालूम है कि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद मिलियंस की संख्या में रिफ्यूजीस पोलैंड मोल्दोवा जर्मनी इन सारी जगहों पर फैल चुके हैं तो ऐसे में उनके वोटिंग का पैटर्न क्या होगा तो आपको ये जब आप इन टेक्निक के नजर में इस स्टेटमेंट को देखते हैं तो आपको मतलब बहुत अच्छी तरह इस बात को समझ में आ जाता है कि ये इट इ इट इज बेसिकली अ काइंड ऑफ डिस इंफॉर्मेशन एक तरह का डिस्क्रेडिटिंग करना है रूस यूक्रेन जंग की मौजूदा स्थिति क्या है ये जंग किस तरफ बढ़ रही है तो रूस यूक्रेन युद्ध का जो अभी का स्टेटस है वो रश के एडवांटेज में है इसमें कोई शक नहीं है और इसका सबसे बड़ा जो कारण है वो वेस्टर्न एड है और वेस्टर्न एड का टाइम से ना आना और अपनी कंडीशनलिटी के साथ आना जो मैं आपको इस थोड़ी देर पहले बता रही थी कि कंडीशनलिटी से मतलब क्या है अ इसके वजह से आपने देखा कि आउट गंड आउट मै हो जाने की वजह से रश का रिसेंटली जो पिछले स्पेशली अ वका के फॉल के बाद से राश ने टेरिटरी भी ली है हालांकि इतनी टेरिटरी नहीं है जो किसी भी युद्ध में हम उसको रिस्पेक्टबल मिलिट्री परफॉर्मेंस क कहे क्योंकि 294 स्क्वायर माइल्स ऑफ टेरिटरी इस मतलब अगर आप यूक्रेन का साइज देखेंगे यूक्रेन यूरोप का सबसे बड़ा देश है तो इसका कोई अपने मतलब ऐसे उसका कोई बहुत मतलब नहीं है लेकिन ऐसे समय में जब यूक्रेन आउट गंड है आउट मंड है और मोबिलाइजेशन को लेकर स्ट्रगल कर रहा है ऐसे में एडवांटेज डेफिनेटली रशा के पास है पहली चीज दूसरी चीज रशा के पास जो एक सीमलेस सपोर्ट है ईरान से ड्रस को लेकर नॉर्थ कोरिया से एम्युनिशन को लेकर और चाइना से डुअल यूज टेक्नोलॉजी और नाइट्रो सेलुलोज को लेकर जो एम्युनिशन बनाने में काम आता है और तमाम और डुअल यूज टेक्नोलॉजी से ये एक सीमलेस जो सपोर्ट है ये जाहिर है इसने रशिया को ब कहीं ना कहीं ज्यादा स्ट्रेंथ किया है ऑन द कांट्रेरी यूक्रेन के साथ आपको मालूम है कि जो यूएस सबसे बड़ा मिलिट्री एड गिवर है उसकी एड कितने महीनों के गैप के बाद आई और अभी भी नहीं आ पा रही है और यूरोप स्ट्रगल कर रहा है तो अ यह जो सिचुएशन है यह इस वक्त रश के पक्ष में है बैटल फ्रंट में दो जगह मेनली इस समय लड़ाई चल रही है एक चल रही है अ दीपका के बाद यार चासी के आसपास क्योंकि यार चासी थोड़ा सा ज्योग्राफिकल हाइट्स पर है थोड़ी ऊंचाई पर है और अगर आप यार चासी को रशा लेता है तो जो डोनियर का रीजन जो मैं आपको बता रही थी जो अभी भी थोड़ा यूक्रेन के हिस्से में है उसके बाद वो तीन मेजर सिटीज का रास्ता खुल जाता है जिसके बाद डोनिस को पूरी तरह से लेना रश के लिए रिलेटिव आसान हो जाएगा ये कब होगा इसको मुझे लेकर मैं बहुत आशावाद नहीं हूं क्योंकि जो रशा का भी एडवांस है वो बहुत स्लो है बाक मूट लेने में वानर को एक साल लगा अब दीपका लेने में फिर और भी ज्यादा समय और एक तरह से मीट ग्राइंडर की तरह से की तर्ज प ये लड़ाइयां हो रही है तो ये रश के लिए आसान होगा ये बात सही है लेकिन रश में भी सब कुछ बहुत सही नहीं चल रहा है वहां भी अभी डिफेंस मिनिस्टर चेंज हुए हैं वहां भी करप्शन के तमाम प्रॉब्लम्स है वहां भी स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के एग्जीक्यूशन को लेकर तमाम इश्यूज आ रहे हैं तो पलड़ा जरूर भारी है लेकिन कैसे होगा मुझे अभी इसका फौरन मैं नहीं आपको बता सकती लेकिन एडवांटेज उनके पास है ये है मेन बैटल फ्रंट पे जेलेंस्की का आगे प्लान क्या है जिस दिन टर्म पूरा हुआ उसी रोज जेलेंस्की ने अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स से बात की क्या-क्या बोले जेलेंस्की ने कहा कि पश्चिमी देशों को हमारी मदद करने से नहीं ह चकना चाहिए उन्होंने अपील की कि नेटो रूसी मिसाइलों को हवा में शूट कर दे नेटो अमेरिका कैनेडा और यूरोप के कुल 32 देशों का संगठन ही साझा सुरक्षा की बात करता है यूक्रेन इसका हिस्सा नहीं है मगर उसको एक संभावित कैंडिडेट के तौर पर देखा जाता है नेटो उसकी मदद कर भी रहा है मगर एक लिमिट तक मिसाइलों को शूट करने से उसने इंकार कर दिया है नेटो का तर्क है से रूस के साथ सीधी जंग का खतरा है जेलेंस्की ने नेटो सैनिकों के द्वारा यूक्रेन सैनिकों की ट्रेनिंग के सुझाव का भी स्वागत किया हालांकि उन्होंने कहा ये सिर्फ कहने की बातें हैं अभी तक धरातल पर कुछ नहीं दिखा है यह था हमारा बड़ी खबर सेगमेंट अब सुर्खियों की बारी पहली सुरखी इजराइल हमा आज जंग से जुड़ी है अमेरिका इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के अफसरों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है दरअसल 20 मई को ससी के चीफ प्रोजक करीम खान ने इजराइल और हमास के नेताओं के खिलाफ अरेस्ट वन निकालने की अर्जी लगाई थी किस-किस के नाम थे इजराइल से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनया डिफेंस मिनिस्टर योआ गलांत हमास से पॉलिटिकल ऑफिस का मुखिया इस्माइल हानिया गाजा पट्टी में हमास का मुखिया याया सिनवार और हमास के मिलिट्री विंग का सरगना मोहम्मद देव इजराइल और अमेरिका ने नेतनया और गला के खिलाफ अरेस्ट वरन के आवेदन की सख्त आलोचना की नेतनयाहू ने कहा कि करीम खान मौजूदा समय के सबसे बड़े यहूदी विरोधी हैं b हमास ने भी अर्जी का विरोध किया बोला हमारे नेताओं के खिलाफ अरेस्ट वारंट निकालना कुछ ऐसा है जैसे पीड़ित को ही जल्लाद बता देना अमेरिका क्या बोला अमेरिका के राष्ट्रपति जो वाइडन बोले हम इजराइली नेताओं के खिलाफ औरस वरन की अर्जी का विरोध करते हैं हमास और इजराइल के बीच कोई समानता नहीं है लेट मी बी क्लियर वी रिजेक्ट द आसी अप्लीकेशन रेस्ट वांस अगेंस्ट इराली लीर व्वर दज वारंट्स मे इंप्ला देर इज नो एक्वलेंस बन इजराल एंड हमस वी स्टैंड विथ इराल टू टेक आउ सिनवार एंड द रेस्ट ऑ द बुच ऑफमास वी वा हमा मास डिफीटेड व वर्क इराल मेक दैट हैपन नाउ एंड माय कमिटमेंट ट साटी द जू पीपल सेक रिटी ऑ इजराल ए रा टिस्ट ए इंडिपेंडेंट ज स्टेट इ आय क्ड बाइन का बयान 20 मई को ही आ गया था मगर अब अमेरिका कारवाही का मूड बना चुका है अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा है कि वो आईसी के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की दिशा में काम कर रहे हैं खा आईसीसी का मेंबर नहीं है हालांकि इससे पहले तक वह आईसीसी का समर्थन करता आया है सबसे बड़ा उदाहरण रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का है आईसी ने मार्च 2023 में पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट निकाला था उस समय बाइडर ने कोर्ट की तारीफ की थी भले ही अमेरिका आईसीसी का विरोध कर रहा ह मगर उसके एक सहयोगी ने उलट बयान दिया है नॉर्वे नेटो का मेंबर है नॉर्वे ने कहा अगर अरेस्ट वारंट जारी होता है और संबंधित लोग हमारी सीमा में कदम रखते हैं तो हम उनको गिरफ्तार करेंगे यह नियम यूरोपियन यूनियन के हर सदस्य देश पर लागू होता है यूरोप से एक और अपडेट आया है आयरलैंड नॉर्वे और स्पेन ने फिलिस्तीन स्टेटहुड को मान्यता देने का ऐलान किया है इजराइल ने इसका विरोध किया उसने तीनों देशों से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है आज की दूसरी और अंतिम सुरखी ईरान से है ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है 22 मई को तेहरान में उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई शाम में उनकी डेड बॉडी मशद भेजी गई वहां उनको दफनाया जाएगा रईसी की अंतिम यात्रा में भारत की तरफ से उपराष्ट्रपति जगदीप धनकर ने हिस्सा लिया पाकिस्तान कतर अजरबैजान आर्मेनिया इराक तुर्कमेनिस्तान क पाकिस्तान समेत कई देशों के शीर्ष नेता भी मौके पर मौजूद रहे इन सबके अलावा हिज्बुल्लाह हमास और तालिबान के प्रतिनिधियों ने भी रईसी की राज के अंतिम यात्रा में हिस्सा लिया 19 मई को हेलीकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्ला हि यान समेत नौ लोगों की मौत हो गई थी रईसी की मौत के बाद मोहम्मद मुखबीर को ईरान का कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया पूरी कहानी हमने दुनियादारी में विस्तार से बताई है लिंक आपको डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मिल जाएगा आज की दुनियादारी में बस इतना ही कल फिर आपसे मुलाकात होगी इसी उम्मीद के साथ में विदा लेती हूं शुक्रिया शुभरात्रि [संगीत]

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शुरू हो चुकी है लल्लनटॉप की चुनाव यात्रा. बताइए क्या है आपकी लोकसभा सीट का नाम और कवरेज की वजह? कौन से फैक्टर आपकी सीट को बनाते हैं ख़ास. सब्जेक्ट में ‘मेरी सीट कवर करो’ लिखकर भेज दीजिए मेल Chunav@Lallantop.com या लिंक पर क्लिक करें.
Link: https://forms.gle/uaRg378VkP9Jb88T8

Duniyadari Iran: https://youtu.be/AGCTxJ1DDQ0

Duniyadari Episode 1107.
In this episode, Divyanshi tells about the future of Ukraine as President Zelenskyy’s term ends on May 20.

Ukraine’s President Zelenskyy remains in power after his term ends, What lies ahead?

Volodymyr Zelenskyy, President of Ukraine, has stated while assessing his five years in the presidential office that his term has been extended due to martial law. Officially, his term ended on 20 May 2024. It would have expired in peacetime, and an election would have been called. But the martial law brought in with Russia’s full-scale invasion means that can’t happen, and there’s broad public support for that too. But, there are also immense practical hurdles with a potential election. Only a few months ago Ukraine’s then-head of the armed forces Valeriy Zaluzhny was touted as a possible rival to Mr Zelenskyy. However, after being sacked and appointed as the country’s ambassador to the UK, he’s stayed quiet on the political front.

Why did Ukraine not hold the Presidential Election on time?
What is the internal rife in Ukraine around the new election?
And, What is the current status of the Russia-Ukraine War?
+
US preparing to sanction International Criminal Court (ICC) over possible Netanyahu Warrant.
+
Iran: India’s Vice-President Jagdeep Dhankar attends Ebrahim Raisi’s Funeral Procession.

Watch the latest episode of Duniyadari to know all about these in detail.

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Produced By: The Lallantop
Edited By: Radhe

10 comments
  1. मोदी का सबसे बड़ा जोक – मित्रों अच्छे दिन…..😂😂😂

  2. यूक्रेन को अमेरिका ने भडका भडका के बर्बाद कर दिया है

  3. उक्रेन जैसा सम्रद्धि सम्पन्न राष्ट्र को एक जोकर का नेतृत्व राष्ट्र को तबाह बर्बाद कर दिया 🤔

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