Muslims in India – Life after the Gujarat pogroms | DW Documentary

और वा य कहां से आ जाता इतनी जल्दी मेरे को ऐसा दिख रहा है आ रही है मेरे को क्या दिख रही है पछ में हां ब ना मेरे ख्याल से मेरे को सही दिख रही है जो दिख रही है लग क्यों र है ऐसा गप आ रही है यार ये मेरी आंखों की झागा है देर इ ो इयर और सीध है य मैं मेरी आख की झाक नहीं थी दिस साइड ि क्या बहुत सारे सारे े छोटे नहीं है लेकिन के कीड़े उड़ते हैं अे कीड़े [संगीत] [प्रशंसा] और साथ मेंकी नाश्ता कर लिया एक प्रॉब्लम हो गई है याद अप बाहर गए थे कुछ बात करने कीना अरे हुआ क्या सो बात कर रही थी जो दूसरा फन था पर्सनल का चुका फन दूसरा हा तो वो बात कर रही थी नहीं मेरे को गाली नहीं दी वो बात कर रही थी तो पापा ने वो बात कर रही थी तो पापा को मीटिंग हो रही थी तबीयत थोड़ी खराब थी ना इसलिए तो मन से बात कर रही थी हा तो जैसे पापा उठे वैसे उसने उसका फोन छुपाया ना पापा देख तो जो फोन की जो लाइट थी ना पापा देख ग पापा बो तेरे पास फोन है बोला बता तो पापा ने उसको चेक किया तो उसके पास फोन निकला तो बोले किसका फोन है य बहुत डाटा दो मिट चालू नाने सेकंड कर इसके लिए मेरे को नफरत है शादी नहीं करने किसी से तुम भी बहुत अजीब हो तुम भी श कर जा मेरी जान मेरी बात सुनो ठीक है आप नाश्ता कर मैंने देखो तुमको बता दि जो भी मेरी लाइफ के बारे में था अब डिसीजन आप क्या अपने आपको क्या करना है ठीक है लेकिन अगर मेरे से प्यार करते हो तो सुधर जाना हा आपका ख्याल रखना ठीक है नाश्ता कर फ फोन करना पता पानी निकालू कि निकल क्या नि ला झाड़ू ला य बाली साब पपा ना के रहे क्यों मलाना का ना कता बोला जिंदगी रखड़ जाएगी बोला शादी कोई नहीं करेगा बो आसपास में खबर पड़ी किसको ऐसी प्रॉब्लम बोले त तेरा माइंड वश कर तू मेरा मत कर मेरे को पता है मेरे को क्या करना है मेरी लाइफ में अभी तक करा है इतनी तकलीफ हो रही थी लेटे लेटे बोलती थी तकलीफ हो रही है लेनी ले गए पर मैंने उनको बोला मैंने कह रही है उसको तकलीफ होती है तुम ले गए तो बोले ले जाऊंगा बोले ना नहीं बो कब ले जाएग तो वो मेरे को लेके चली जावे कि मैं मर जाऊ जाके जब मेरे को ले जाएगा मेरे को जहा शादी करनी है मैं तो वही करूंगी ना अभी तो शादी लोगों को बता के कोई मतलब है जिसको पता चलना हो चल जिसको ले जाना हो ले जा नहीं ले जाना तो बैठी रहूंगी घर में मेरा नसीब में हुआ तो इतने सालों तक राई देखी ना मैं रोज रात को हैरान खुद तो गधे घोड़े बेज के पी के बेवड़ की तरह लेटे रहते है करवाला तो क मलाना करवा लेना मलाना करवा सब मौलाना एक जैसे हो बुरा [संगीत] मलाना बोल रही ह मैं इसको घर में जो भी करो चले वो उसको बोलेगा व उसको पूछेगा तेरी बहन को ऐसा है य तो व आके चिल्लाएगा या लोगों को मालूम पड़ जाएगी स्कूल में तो उसको ऐसा कि स्कूल को पता है स्कू स्कूल को पता है स्कूल से क्यों अभी दो तीन दफ हुई बराबर इसके लिए कोई अच्छा आदमी पकड़ेंगे जो उसका तोड़ ला आया समझ तो कब पकड़ इसको देखो मैंने तो इसको बोला पर तुम इसको जी बान दोगे तुम कब ले जाओगे ना कब करोगे वो तकलीफ तो कब आएगा इतना तो साल हो गई आई उसके पहले से भी मैं तो बोल रही हूं मेरे को तकलीफ होती है इलाज करा तो बोलते पैसा नहीं है चली जाएगी फिर तुम बोलोगे पैसा नहीं है तो अरे बेटा पैसे की बात नहीं आदमी तोही मिलना चाहिए तोड़ वाला मैंने मामा को नहीं बताया बात अब मैं मामा को क नहीं बताता हूं कल उठके रिश्ता करने जाओ मामा ही बोल दे देखना हो आप ऐसा व तो यह बात लोग पड़ोसी को नहीं बताते मालूम है तेरे को चुपचाप ले जाते गाड़ी में बिठा केजरी दिलाते यह कराते वो कराते भा तु उर उसको जुबान दो तुम तो इसको तो बोल र और किसको बोल रही [संगीत] तीन महीने में यह सब कुछ हुआ जब ममी से लग जब बहुत सारी प्रॉब्लम हो गई थी क्योंकि मैं मेरी मम्मी बिना नहीं रह पाती हू को मेरी मम से बहुत प्यार [संगीत] है हर रिलेशनशिप में झगड़ा होता है मेरे मॉम और डैड में झगड़ा हुआ फिर और वो सब कुछ चुड़ैल ना करवाया पूरा घर अलग करवा दिया अगर मुझे रात को कभी कोई ड्रीम आता कोई पुराना खंडार होता था घर कोई अजीब सी जगह और ज्यादा कर मेरे घर का सपना आता था मेरे घर में मैं बैठी हूं कोई मुझे मार रहा है कोई मुझे पकड़ के ले जा रहा है मैं चिल्ला रही हूं कोई मेरी सुनने मेरे फैमिली मेंबर सब बैठे हुए हैं अगर मैं स्कूल जाती थी तो वो चीज मुझे बहुत हैरान करती थी सबको पता चल गया था धीमे-धीमे वन बाय वन सबको पता चला सब कहते थे इसमें चुड़ैल है अगरा वगैरा मारेगी ये वो फिर बाद में इन सब चीजों में मेरी पढ़ाई छूट गई थी और मेरी जो एज थी पढ़ाई करने की वो टाइम पर चली गई [संगीत] [संगीत] सालो पड़ा है अपा य कितना नापा भाऊ कितना ना है सा 20 साल गुल को कितने साल हुए 17 ये लोग गल में यूज करते थे तोय गुलग में थी या नहीं मशीन तो यह बच कैसे गई दादा ने वाप है इसको देखी तो होगी नाना दादा ने देखी इसको दादा ने यूज करी थी क्या म उ म कर अरे सब मिट्टी निकालती अच्छा है ना तो सॉरी हल्का सा इस तुमको य भरा आता इसको कैसे भरा दोरे य कोकी भराई फिर क क स लेते तुमको आता है तो वही है सीधा ही है के लिए आ रही है क्योंकि सबको कहीं ना कहीं लगता है कि हम अपने देश से बहुत प्यार करते हैं हमें नहीं जाना यहां से आईम वेरी हैप्पी हम बहुत खुश है य हमें नहीं जाना प्लीज हमें मत निकाले यहां से एनआरसी और सी से आजादी स्लोगन भी चल रहे है आपको इस कानून में क्या सबसे सबसे बुरी बात क्या लगी हमें सबसे बुरी बात ये लगी कि वो उनका जो दिल करता है वो अ बता देते हैं वो ये कह रहे है कि मुसलमानों को देश से बाहर करो हम क्यों जाए ये हमारा मुल्क है हम सब जब साथ रहे हैं तो हम क्यों जाए वो कहते हैं कि भारतीय मुसलमान पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा बिल्कुल पड़ेगा उन्होंने जो वहां आसाम में हाल किया है वो ये चाहते हैं यहां पे भी वही हाल हो आपको लगता है बिल्कुल लगता है क्योंकि वो हर बात झूठ बोलते हैं इसलिए और उन्होंने ही तो कहा था कि मुस्लिम महिलाएं बाहर नहीं बोने की तो हमें हिम्मत द है बोलने की आज हम यहां पर बैठे हुए हैं इसलिए आवाज हमारी अब सारी दुनिया एक तरफ हो जाएगी लेकिन ये महिला क्यों शकीला बेगम क्याम ये कहेगा रद्द करने का के र है शकीला बेगम आप बताइए कि यहां पर जो ज्यादातर औरत बैठी है ये औरतों ने औरतों ने कैसे ठान लिया कि औरतें ऐसा कदम लेंगी प्लास्टिक का नहीं था सिलाई मशीन अपने कोकड़ लगा के भरते थे हां प्लास्टिक का पिंक कलर का [संगीत] [हंसी] [संगीत] ना सो 10 ओ क्लक से स्टार्ट हुआ सुबह 10:00 बजे मैं काम पे गया था मैं बैठा था वहां पर रेलवे स्टेशन प असरवा रेलवे स्टेशन प तो मुझे एक दोस्त आया उसने बोला बोले तुम्हारे सुसाइ प पत्थर मारा होया तो फिर मैं बोला अभी जाता हूं मैं मेरे घर से रो रहे थे खड़े खड़े मेरे मिसस तो मेरे पापा ने बोला बो आ जाएगा उसकी चिंता कूद के पीछे से अंदर आया मेन गेट से नहीं आया टोला खड़ा था वहां अंदर आए तो सब खड़े थे बाहर तो रेलवे ट्रैक से भी पत्थर आ रहे थे और रोड पे से भी आ रहे थे और पब्लिक बढ़ती गई फिर वो धीरे धीरे धीरे उन्होने गेट खोल दिया मेरे फादर को लट मार दिया था मेरे फादर इडी कप थे उनको लट मार दिया तो गिर गए बेहोश केमिकल लाए थे कोई वो केमिकल फेंकते तो और ब्लास्ट होता उससे फिर उन लोगों ने आजूबाजू पूरे घर में फिर यय घर में सब ये हमारे फैमिली दिस फैमिली जाफरी साहब के घर में सब एंटर हो गए किई यहां सेफ्टी रहेगी तो उन लोगों ने आजूबाजू से बारी बारी सब केमिकल डाल के आग लगा अब अंदर औरत बच्चे सब घबरा मनए जिसको समझ में नहीं आया वो बाहर निकला बाहर निकला तो वो लोग मार मार के आग में डाल दी य आग जलाई थी उ लोग ये इधर जाफरी साहब के डोर के आगे य आप देख रहे हो झाड़ इसकी सिधान में ओनली फॉर 20 फुट तो आग जलाई थ उने लकड़ की सब लाला के फर्नीचर निकाल के सब घर के दूसरे तोव लेडी सोवे तो कपड़े फाड़ के बोले बाहर आ जाओ नहीं मारेंगे बाहर निकले मार के सीधी आग में डाल दे ला का डगला था और यहां पीछे एक नीम का झाड़ है ये यहां पे ये आप जाओगे ना अंदर बहुत बड़ा नीम का झाड़ है तो वहां पे भी वो माय ब्रदर्स एंड वाइफ छोटा भाई था मेरा उसकी वाइफ की लाश पड़ी थी माय कजंस चाची उनकी लाश पड़ी थी वहां झाड़ के पास फिर ऐसे ऐसे माय मदर मदर इज पाइप पाइप मार के उनको भी आग में फेंक दिया था तो इनको यहां पर 80 पर जल गई 80 पर जलेले देखना फिर हम लोग पौ बजे पौने च बजे पुलिस आई और जब हमारे पत्थर बारा हो र था उस टाइम पुलिस उनके साथ खड़ी थी टोले के साथ में फिर बोला कुछ नहीं होगा बाहर आ जाओ सब हमको विश्वास नहीं आ र थाला पुलिस ने तो करवाया सब खड़े रह के हम लोग बाहर नहीं निकल लेते फिर धीरे धीरे ज्यादा पुलिस देखी तो फिर ऑफिसर बोला आप आ जाओ उसम एक एनन पठान साब नासिर खान ब ऑफ हो गए फ बार आके देखा तो यह बेहोस पड़ी थी मेरी अम्मी मेरी फुपी थी कजीन सगी फुपी वह पहचान में भी नहीं आ रही थी राख राख में ली तो मेरे को बोला बोले तेरी मम्मी की सांस चालू है फिर इनको ले जाक पानी वाली डाला मुह पर अब वहा 69 लास्ट पड़ी थी कितनी बच्चे औरत ज्यादा थी मरने में मेरे घर से 10 आदमी मेरे भाई के घर से उनके दो लड़की तीन सात हमारे मेंबर मेरी दादी दो चाची ब्रदर ब्रदर की मिसेस ब्रदर का लड़का छ माय फादर सेवन दिस फैन [संगीत] और [संगीत] [संगीत] मालिक ने हिमत दे बाहर निकले तो आसू नहीं आया उस टाइम फिर पुलिस हमको मैं मेरी फैमिली की बच्ची बची थी एक सबको लेके इनको लेकर गाड़ी में बैठे तो टोला बोले इनको नहीं जाने देंगे इतने सब कहां से बच गए बो तुमने मारा क्या बोले बोले इनको गाड़ी मेंही जला दो साला तो फस गए अब ऑफिसर अच्छा था उसने बोला साम नहीं साम में फायर करो सामने फायर कर तो टोला हटता गया ऐसे गाड़ी धीरे धीरे चलती गई फिर साबा पुलिस स्टेशन ले गए वहां से फिर हमको दरियाखान घुमट कैंप में ले गए फिर वो कैंप में छ महीना [संगीत] रहे आया जिनके पास लने के लिए इतना ज्यादा है वो 22 दिनों से धरने पर और रोज ये धरना इस जद जहद में शुरू होता है और चलता रहता है कि आज पुलिस हटा देगी या आज औरत शाहीन बाग की औरत अपने धरने से वापस हट जाएंगी वापस वापस निका व वापस नहीं हो इसलिए मैं बै दादी बैठ देखो कितनी सही बात है इधर आओ ये रिया आ गया इधर आओ हमारे जैसे कितने लोग यश करेंगे इतना दुख है कि हम हम बाल रहने वाला हमसे कहा जा बताए भारत के है या नहीं है बहुत बहुत अपने बच के अपने भायो के बहन अब औरत पीछे बिल्कुल नहीं हटत बयार सब ब नहीं होता और जबक घर में रहती है तब तक लोग सोचते औरत कमजोर पप है मुस्लिम समाज की औरत बोलती नहीं है वकल नहीं है व आती नहीं है तो व आज आई है और अपनी आवाज रख रही हैय जा लावा और बहुत जमाने के हिंदुस्तान में जो घर में प्रदर्शन होते हैं एक तरह से उसकी तारीख बदल द उसकी रवायत बदल दी है उसका तरीका बदल दिया है [संगीत] बमला रमा न साल तक तो अच्छा आराम पड़ गया था फिर ये कोई दिवाली वाली क्या बोलते हो काली च उसकी हवा आती है जब उसको को यहां से पकड़ के रा बता बेटा सपने में अजीब से कमर पास से पकड़ के हवा में उठा पूरा शरीर जकड़ लेना ऐसा होता था तुम्हारे शरीर में जो तकलीफ है वो तुम ही जानते हो क्या तकलीफ है ना तुम्हारे वालिद ना तुम्हारे वालिदा जिसको तकलीफ होती है उसका दिल जानता है कोई बोलेगी भाई ढोक कर रही है कोई बोलेगी नाटक कर रही है जिसको तकलीफ होता है ना उसका वही जानता है किसी को दिखती नहीं जिसको तकलीफ होती है वही जानता है जानता है सही ब्लैक मैजिक भी उसको बोलते हैं जादू भी बोलते हैं अपने अंदर सि पली लम भी बोलते हैं बोल सलील वो चीज है अब तुमको लेडीज प ज्यादा होती है और लेडीज प अटैक भी ज्यादा हो ज्यादा सर लेडीज को तकलीफ रहती है थोड़ा टाइम है इस के हिसाब सेया जाता है उसको नापाकी के हिसाब से उस चीज को थोड़ा टाइम जेंस में इतनी तकलीफ होगी तो फौरन अच्छी हो जाएगी लेडीज में थोड़ा टाइम जाएगा बोलो बिस्मिल्ला रहमान रहीम या स आपकी बारगाह में मेरे नाम का मदद का हिफाजत का तंदुरुस्ती का फैसले का जिस मकसद के लिए अल्लाह के हुक्म से आपकी बारगाह में मैं हाजिर हु बोलते जा मेरे शरीर में मेरे शरीर में कोई असरा शिली किसी ने भी या हो खिलाया हो पिलाया हो पाक जिन पाक मैला इल्म असर कसर जो कुछ भी हो या सैयद अली इन सारी परेशानी आपकी बारगाह में हमेशा के लिए खत्म फरमा दो मेरे को बिल्कुल शिफा कर दो मेरे सर के बाल से लेके पैर के नाखून तक मेरे शरीर में जो भी तकलीफ आती इन सारी तकलीफ को खत्म फरमा दो और मेफा कर त [संगीत] [संगीत] मैंने उसको देखा था जब फर्स्ट टाइम बहुत अजीब सी थी मेरे बेडरूम में थी सब मेरे साथ बैठे थे और थोड़ी देर में सबने मुझे अलग किया तो जैसे मेरी नजर पड़ी मैंने देखा एक एक औरत थी वह जस्ट बैठी हुई थी साड़ी पहन के लाइक रेड एंड ब्राउन कलर वो बैठी थ उस लंबे बाल थे और जब मैंने देखा मैं बहुत जोर से चल [संगीत] रही उसके बाद व मुझे सपने में बहुत हैरान करती थी बहुत खराब मारती थी वह क्योंकि वह चाहती थी कि मैं मर जाऊ उसे मेरी जान चाहिए थी फिर बाद में जब मैंने पापा से य सब बातें की मेरे पापा ने बताया कि अब वो पास्ट था वो भूल जाना चाहिए हमको वो चीज रिटर्न याद रख के लाइफ में आगे नहीं बढ़ना है तो पापा ने समझाया उस वक्त सब कुछ भूल जाओ जो डेस्टिनी में है जो तकदीर में है वही होगा हमारे बदलने से कुछ नहीं हो सकता [संगीत] सब ताकत होने ल मैंने खाली हाथ रखा है स्टॉप ते ले गया हा रुक रुक रुक न काटती बाया दादी दादा एक पा से मशीन चलाते थे दादा एक पा मशीन काम करने इस गु बना तो गुलबर नाम किसने रखा था मिल मिल के भी गुलबर मिला कितना फला था व घर जैसा बंगले जसा को बंगला नहीं फला सबला दादी दमाल में गुजरना दादी तो सभी गुजरे दादी दादा चाचा चाची बच्चे दादा के बाद अपना घर में दूसरी मैं हूं ना जो कपड़े सीती हं कैसी है अपुन ने बनाई अच्छी है ये तेरे पापा खड़े हैं सारा पाए य फने की दे चलो सब कितना अच्छा लगता था नहीं अपना गुलबर में ये टाइम प क्या होता था सब अपना अपना घरों में कोई नहीं होता था तु कितने बजे उठते थे गुलगर में सुबह व ये इधर का टाइम है वो टाइम य तो फिर भी लेट उठते हो वो टाइम 730 आठ अजान के साथ तो आंख खुली जाती है दादा नमाज पढ़ने जाओ वजू बनावे फ चाय पी एक कप फिर वजू बनावे फिर नमाज पढ़ने जावे मस्जिद में तेरे को ची बताते थे य देख चीची बैठी चिड़िया बैठी चिड़िया बैठी तो तेरा नाम चीची पड़ गया था सब नहीं और सब चीची कहते चीची अमी अब्बा का फोटो र क्या मालूम कहां चला गया नहीं दादी घर बदलने में घर बदलने में क गया घर बदलने में नहीं गया है ल में सब हुआ मेरे साजदा का इतना बड़ा सोने का हर चला गया ना सब दागने उस ये लोग पहले कपड़े कैसे पहनते थे ड़ कितना बड़ा है अभी भी है साड़ी मस्त है कर कुछ नहीं तुमको पहले मुछ मेरे को कुछ नहीं था [संगीत] इंकलाब जिंदाबाद इंकलाब जिंदाबाद इंकलाब इंकलाब इंकलाब इंकलाब जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद इंकलाब इंकलाब इंकलाब इंकलाब जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद हमारी बस यही सोच है कि बस एक जाके क्या करेंगे आप देख लिया एक आएगा तो दूसरा आएगा दूसरा आएगा तो बहुत सारी पब्लिक होगी और बहुत सारी पब्लिक होगी तो मोदी को दिखेगा कि हम मुस्लिम देश में है इस तरह से हमारा अस्तित्व है ये जरूर कहूंगा आपकी बस्तियों में आपके मोहल्लों में हर जगह पर य साइन बाग बन चुका है हम अपनी अपनी बस्तियों में छोटे छोटे साइन भाग बनाए सब इकट्ठे हो एक दूसरा एक दूसरे को बात करे ना छोड़ेंगे हम अगर मर जाएंगे तो अभी हिंदुस्तान नहीं छोड़ेंगे हम अगर मर जाएंगे तो भी हिंदुस्तान नहीं छोड़ेंगे हम तमाम हिंदुस्तान के मुसलमान सहीत बगर बहुत सारी माइन और हमारे बहुत सार बतन इस काले कानून के लाफ हमारे साथ एनर के थ आपको इस मुक से बा करना चाहते बो क्या प्रॉब्लम में ले अपने कान लाग क करना है जरूरत क्या है पहली बात तो एन का अधिकारी आपके घर पर आएगा वह आपसे पहला स्टेट दूसरे स्टेज में आपके पास जो भी कागज थे जो भी डॉक्यूमेंट थे आपने उस जानकारी के समर्थन में उस अधिकारी को दे देंगे और उसके बाद अगर आपकी जानकारी या आपके कागज में कहीं पर कोई भूल पाई गई क्या करेगा डी लिख देगा आपके नाम के सामने क्या लिखेगा डी डी डी का मतलब समझते हैं डाउटफुल डाउटफुल डाउटफुल अरे तुम क्या चाहते आजादी से आजादी ऐसे आजादी तुम क्या चाहते आजादी कौम वाद से आजादी कौम वाद से आजादी पूंजीवाद से आजादी जात पाद से आजादी ऊंच नीच से आजादी अरे तुम क्या चाहते आजादी अरे मैं क्या चाहती आजादी अरे र गए क्या आजादी तुम डर गए क्या आजादी मोदी राज से आजादी स संगवाद से देख इधर 201य मेरा का सट और दूसरा आएगा ब सिकेट मेरा और य आईल कागा और रा आधार कार्ड मेरे दादी के सब कागज धमाल में जल गए थे सर य से आधार कार्ड होता इलेक्शन कार्ड होता है के पीछे जाना प कहां से [संगीत] [संगीत] [संगीत] a [संगीत] देख वो कोट कौन सा था जो पप्पा खद के आए थे पीछे का बता रहे थे वो साइड का था देखो [संगीत] बताना ये खड्डा है इसलिए हुआ ना क्योंकि बाहर से जब य अटैक कर रहे थे वो लोग तो एक बोटल फेंकी थी दादी ने बताया था जिससे खड्डा हो गया था गैस का बाटला फेंका था ना नी आज भी ऐ है एक लाइट यहां प लगी थी है ना हा पंखा कोई ले गया है लाइट भी थी शायद वहां पर लाइट का होल्डर था [संगीत] मजबूत घर था बहुत ज्यादा पूरा घर में कर दे मैं ये लोभी में बैठती थी ना पोपो पोपो करती थी उधर वाली है ना दादा घूम पड़ते थे ना तब तू जाती थी इधर जाली पास लटक के जबसे नाम पोको हो गया मेरा जाली कितनी अच्छी है देखिए पूरा अम्मी हम तुम्हारे रूम में खड़े हैं हम तुम्हारे रूम में खड़े हैं गुलबर सोसाइटी में तुम्हारा रूम था ना व हा अभी नीचे दादा के रूम में अगरबत्ती करी फूल लगा है अभी ऊपर तुम्हारे रूम में आ अक्कू चाचा के मैं गुड़िया ही है खाली सब साफ कर दिया हमने य पर जो नहीं जंगल जैसा था सब पत्ते पत्ते सब हटा है सोसायटी एकदम साफ कराई हां तुम्हारा किचन देखा अम्मी कितना अच्छा लगता है कितना सुकून शांति है खाली चीटियों का आवाज है हम लोग तुम्हारे रूम में खड़े गए देख रहे हैं अमी पलंग कौन सी साइड था दरवाजे पास ता कि लबी के दरवाजे पास था काबा अच्छा हां इधर था और दादा ने कितना माशाल्लाह अच्छा घर बनाया कि घर में तिजोरी नहीं हो तो भी चले दीवाल के व ड्रॉप बनाए अभी नीचे की तो कोई जाली ले गया निकाल के हॉल रूम की पपा को बोलूंगी घर जाकर दरवाजे निकलवा दादा की एक निशानी तो रहे फिर बाद में बिक जाएगा तो क्या पता ना फिर बात करते अल्ला हाफिज जो गुजर जाते उनकी रूहानी अभी भी यहां पर होगी व अपना को देख सकते हो अपने नहीं देख सकते अल्लाह सब पर रहम करे दादी ने लोग नहीं आना चाहते य नहीं तो आ जाते एरिया बहुत दूर पड़ जाता है नहीं हिंदू का ए कर सकते वापस बेबू कर अगरबती अम्मी के रूम में थोड़ी य रख [संगीत] [संगीत] मैं याद करवाऊंगी ये घर को [संगीत] लाइट का गोला कहां था यहां पर नजर नहीं आ रहा येयर है अगर अच्छा नल भी था बहुत प्यारा छोटू सा किचन है मेरी शादी होगी तो मैं भी ऐसा किचन बनवाऊंगा [संगीत] [संगीत] [हंसी] [संगीत] ब [संगीत]

Two survivors of the anti-Muslim massacre of 2002 in the Indian state of Gujarat reach adulthood. Sofia and Suzain are sisters growing up in a modest home with their father and grandmother on the outskirts of Ahmedabad.

Sofia’s and Suzain’s family experienced a devastating trauma: More than two decades ago they only just managed to escape the deadly anti-Muslim pogroms of 2002 in the state of Gujarat in western India.

The massacre was triggered by an arson attack on a train that left 58 Hindu pilgrims dead. Blame was swiftly assigned to Muslims, despite the lack of evidence for this claim. Radical Hindus then called for bloody revenge. More than 1,000 people were killed in the ensuing pogroms, most of them Muslims. Women were raped, homes destroyed and families displaced.

As teenagers, Sofia and Suzain refuse to allow the shadows of the past to prevent them living their lives to the full. But as they grow older, reality catches up with them. As the years pass, deadly religious tensions resurface across the country.

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34 comments
  1. That is a bizarre documentary.
    I believe that victims of violence carry trauma for a long or forever time – as it is to see in this case. Somehow I expect from DW showing the rather the factual situation in 2024 for the about 200 million muslims living in India. I was waiting the entire documentary to get presented more structural information. E.g. how many muslims have been elected into Parliament with the 2024 election, are government jobs open to muslims, educational chances etc. Not trauma. Those, who know about trauma know I do not belittle it by wanting to know more about the possible chances and choices in a society, to make it short.

  2. 2023 India banned BBC Modi documentary
    Government accused of ‘censorship’ over ban on film about PM’s role in violence during 2002 Gujarat riots, now the … connect well.

  3. This is tip of iceberg. True face of brahman. Many massacres like bhagalpur 1984 ,assam killing 84, meerut ,Mumbai riots 91, jamshedpur riots ,

  4. 50% of Muslims in India just like everywhere else are oppressed by other 50% of Muslims. Why not make documentary about that?
    How women are oppressed in Islam by men?

  5. One of darkest day in the history of mankind, more than 3 thousand innocent people were burnt in Gujarat India by RSS led BJP.

    No humanity in India.

    Here in Peshawar Pakistan Hindus, Sikh are freely moving, having businesses & beautiful life, today i see on 2 bikes 1 Sikh man & beautiful woman were riding while on other bike 2 Sikh men were riding, they were talking as i was walking on roadside, i got happy to see other ethics in Pakistan, moreover once we were trying to enter in Mandir in Karachi – where a Mandir is located beneath Neti Jeti bridge, but a Hindu woman didn't allow us as we both were boys, my friend said, we don't stop you from Masjid but you do, then we went away –

    There are criminals all over the world but doing a genocide is either done by Israel or India.

  6. This Muslim problem was due to (1) There was a railway train with scores of Hindu pilgrims which was set afire and everyone- men, women and children and families were burnt to death and as a riposte to this atrocity that the anti-Muslim riot broke out. (2) For 1000 years of foreign Muslim rule in India, 80 million Hindus suffered genocide. The present Muslim population of India who were converted Hindus, thus being the Hindus who suffered most, deserve the sympathy and protection of their Hindu compatriots. Instead, they identify themselves with the Turkish invaders and oppressors and have adopted a posture of superiority to their Hindu brethren and have done so for centuries and have been generally provocative of their Hindu brethren treating them with contempt. These Gujrat riots were the result of (1) and (2).
    In Europe at the moment, hundreds of thousands of Muslim refugees are trying to get to Europe. Europe blocks them causing hundreds to be drowned in the English Channel and in the Mediterranean Sea. Those who succeed in getting on land are mistreated. European political leaders, political parties and ordinary European citizens carry a steady anti-Muslim diatribe of hate and contempt in the media and elsewhere and persistently call for their expulsion from Europe. SHOULD iNDIA AND GUJARAT TAKE A PAGE OUT OF THE EUROPEAN BOOK VIS-A -VIS MUSLIMS?

  7. I don't get the idea this documentary is about what? Revisit the past to stir hatred again? WHAT about faiths genocide in Islamic countries like Taliban, Pakistan, Bangladesh and Malaysia using law systematically to make millions of minorities dissappear from the system and country? Why there is no documentary on those type of oppression, plus lynching and killing!

  8. My immediate thought is: how Muslims invaded India originally (from Afghanistan I believe) they were fairly cruel and not very lefty. Now Hindus have there country back. What would happen to them if Islam’s egotism were allowed to startabusing the Hindus again? Move there is Pakistan, there is Afghanistan….

  9. DW is again showing a one-sided story. India has Muslims in all levels of society, poor people suffer everywhere no matter their religion. 1947 partition riots were far worse for Hindus.

  10. The most surprising snd interesting thing for me was that one of these girls was showing her legs in the school uniform. …. Yet, they were dressed very differently elsewhere.

  11. These Muslims demanded a country and got as Pakistan but continued to stay in India. Still there is a pact open called as Liyaqat-Nehru pact, that enables minorities to move between the countries easily and these Muslims should exercise that option to move out. But they will not do since they are more benefited in India.

  12. DW Documentary, you also joined the left International propaganda to defame India. You should have included how Muslims killed 56 Hindu devotees brutally and reactively Hindus also attacked. Post that, there was a committee under Congress Government and a report was published. As per the report 200+ Hindus and 800+ muslims died. It means Muslims had also killed Hindus during the riot. Than state Government called for armed forces within 3 days of riot to control Gujarat riot. The committee and supreme court acquitted state Government and punished the guilts.
    You don't show how the Muslims attack Hindu processions till today. Recently in Nuh , Kolkatta, Sambalpur of Odisha. When Hindus retaliate, they play the victim card.

  13. DW documentary, why don't you the pathetoc conditions of Balochs, Sindhis and Kashmiris in PoK. They are lotted and tortured by Pak Army. Hindus, Sikhs and Christians are forcibly converted and hardly any temples are left in Pak. Recently many chruchs were burnt down.

  14. What is the point of believing in your Gods if you don't follow their ways? Love your neighbors!!!!!!!!!

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